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वक्त को आते जाते ना गुज़रते देखा -02-Jul-2023

वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा

देखी दुनिया खूब हमने,
इंसान के चेहरो को बदलते देखा,,
वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा।
तन्हाइयों को लगाया गले,
खुद में खुद को सिमटते देखा,,
वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा।
कोशिशों के बीच फंसीं किश्ती देखी,
साहसों को डोलते देखा,,
वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा।
क्यों समय की रफ्तार नहीं थम जाती यहां,
समय को सब पर बिगड़ते देखा,,
वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा।

प्रतियोगिता-आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियाँ 
दिनांक: 02/07/2023
शाहाना परवीन "शान"...✍️

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3 Comments

सुन्दर सृजन

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Abhinav ji

02-Jul-2023 09:23 AM

Very nice 👍

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hema mohril

02-Jul-2023 08:57 AM

बहुत खुब

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